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कोरोना और कारोबार : फार्मा कंपनियों को भारत में दिख रहा बूस्टर खुराक का बड़ा बाजार

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नामचीन फार्मा कंपनियों को भारत में टीके की बूस्टर खुराक को लेकर बड़ा बाजार नजर आ रहा है। बीते कुछ महीनों में ही भारत सरकार की विशेषज्ञ कार्य समिति (एसईसी) के पास टीके की अनुमति के लिए फार्मा कंपनियों के आवेदनों की संख्या तेजी से बढ़ी है। फरवरी तक सिर्फ दो आवेदन थे जो बढ़कर अब दस हो गए हैं। कंपनियां में जल्द से जल्द ट्रायल पूरा करने और मार्केट में सबसे पहले बूस्टर खुराक लाने की होड़ है।
समिति से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में कोरोना टीकाकरण करीब 95 फीसदी तक पहुंच गया है। अभी तक के साक्ष्य यह बता रहे हैं कि नौ माह से एक साल तक टीका लेने के बाद एंटीबॉडी पाई जा रही हैं, लेकिन इसके बाद तीसरी खुराक की आवश्यकता भी पड़ रही है। चूंकि आबादी के लिहाज से भारत एक बड़ा देश है, इसलिए स्वदेशी के साथ साथ विदेशी कंपनियों का भी रुख भारत की ओर तेजी से बढ़ा है।

सरकारी अस्पतालों में मिलता रहेगा फ्री टीका
स्वास्थ्य मंत्रालय की टीकाकरण शाखा से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि आगामी दिनों में भी देश के सरकारी अस्पतालों में टीका लोगों को निशुल्क मिलता रहेगा। जबकि प्राइवेट क्षेत्र में बूस्टर खुराक को अधिक बढ़ावा मिल सकता है जिसके लिए मूल्य निर्धारण पर विचार किया जा सकता है। हालांकि अभी टीका निर्माता कंपनियां प्राइवेट क्षेत्र के लिए मूल्य तय करने का अधिकार रखती हैं।

बीस फीसदी दूसरी डोज से वंचित
अभी तक देश में 15 वर्ष और उससे अधिक की पहली खुराक का लक्ष्य 95.5 फीसदी पूरा हुआ है। वहीं दूसरी खुराक का लक्ष्य 80.6 फीसदी पूरा हुआ। जाहिर है कि इसके बाद इन्हें भी तीसरी खुराक की जरूरत पड़ेगी जिसपर कंपनियों की नजर है।

दो कंपनियों ने इसी महीने ली अनुमति
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के अनुसार इसी महीने में समिति की ओर से पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को कोवोवैक्स और रूस की बहुचर्चित स्पूतनिक लाइट को लेकर बूस्टर खुराक के ट्रायल की अनुमति दी गई है।

देश में 1500 से कम मिले संक्रमित
लगातार दूसरे दिन केरल ने पुरानी मौतों की जानकारी दी है जिसके चलते राष्ट्रीय स्तर पर बीते एक दिन में कोरोना संक्रमण से 149 मौत दर्ज की गईं। केरल ने 138 पुरानी मौत की जानकारी देरी से दी है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बीते एक दिन में कोरोना के 1421 नए मामले सामने आए हैं।

जबकि बीते शनिवार को 1660 नए मामले आए थे। इसी के साथ ही देश में अब कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,30,19,453 हो गई है। अब तक कोरोना से होने वाली मौतों की कुल संख्या 5,21,004 तक पहुंच चुकी है। इनके अलावा बीते एक दिन में कोरोना के 554 सक्रिय मामले कम हुए हैं, जिसके बाद देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या घटकर 16,187 रह गई है।

दो साल में 964 दवा कंपनियों पर कार्रवाई

अस्पतालों के साथ साथ अब सरकार ने दवा कारोबार पर भी सख्ती बढ़ा दी है। बीते दो साल में 964 दवा कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई, जबकि 102 के लाइसेंस तक निरस्त कर दिए गए। वहीं तीन के खिलाफ दिल्ली सरकार ने आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया है। दवा की कीमतें और गुणवत्ता की निगरानी के लिए जल्द ही पहली बार मूल्य निगरानी और संसाधन इकाई (पीएमआरयू) की स्थापना होने जा रही है। दिल्ली सरकार के अनुसार पीएमआरयू की स्थापना अंतिम चरण में है। संभावना है कि इसी साल पीएमआरयू शुरू होगा।

दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच 4599 कंपनियों की उत्पाद यूनिट पर छापे मारे गए। 584 यूनिट में नियमों का उल्लंघन पाया गया। इसी तरह एक अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक 951 यूनिट में से 380 जगहों पर उल्लंघन मिला जिनके खिलाफ लाइसेंस निरस्त या फिर निलंबित करने की कार्रवाई की गई है।

विभाग के अनुसार दिल्ली में विभिन्न निर्माण इकाईयों, थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेता केंद्रों की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी की आड़ में बीते दो साल में काफी मनमानी की शिकायतें सामने आई हैं। इन्हीं शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद जब अलग-अलग जिले में टीम बनाकर औचक निरीक्षण किया गया तो कई जगहों पर नियमों का उल्लंघन देखने को मिला। उन्होंने बताया कि पिछले साल ही 29 जगहों पर पुलिस के साथ मिलकर छापे मारे गए। इनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई।

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