दो करोड़ के कोयला शार्टेज मामले में सीबीआई टीम जांच के लिए पहुँची
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बिश्रामपुर/ बिश्रामपुर एसईसीएल बिश्रामपुर के रेहर भूमिगत खदान में डेढ़ वर्ष पूर्व सतर्कता विभाग के औचक जांच में सामने आए 2700 टन कोयला शार्टेज मामले में सीबीआई की टीम आज जांच के लिए रेहर खदान पहुँची है।सीबीआई की टीम प्रातः सबसे पहले क्षेत्रीय मुख्यालय पहुंची और फिर यहाँ सर्वे विभाग की टीम को लेकर सीधे खदान पहुँची और जांच शुरू की है।बता दें कि जुलाई 2022 में एक गोपनीय शिकायत के आधार पर एसईसीएल बिलासपुर की सतर्कता टीम ने रेहर खदान में छापामारी कर कोयला स्टॉक सहित खदान के कागजातों की जांच की थी,जांच में खदान के कोल स्टॉक से दो हजार सात सौ टन कोयला कम पाया था जिसकी कीमत दो करोड़ रु से अधिक आंकी गई थी।तीन दिनों तक कई चरणों मे जांच मेजरमेंट में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद टीम ने खदान के काँटाघर सहित मैनेजर के दफ्तर के कागजातों की बारीकी से पड़ताल की थी और कुछ दस्तावेजों को जप्त कर अपने साथ ले गई थी।बाद में सतर्कता विभाग की टीम ने दो बार इसी मामले में जांच के लिए बिश्रामपुर पहुंची थी और रिपोर्ट बना कर मुख्य सतर्कता अधिकारी को सौप दिया था ,लेकिन आज पर्यंत सतर्कता विभाग जांच के नाम पर मामले को लटकाए रखा है।अब खबर है की सीबीआई मामले की अलग से जांच करेगी जिसके लिए सीबीआई की टीम आज यहां पहुंच मामले की जांच आरंभ कर दी है।.सीबीआई की टीम यहां पहुंचने के बाद क्षेत्रीय अधिकारियों में खलबली मच गई है।
जांच के नाम पर केवल अधिकारियों को हटाया
बता दें कि दो करोड़ के कोयला घोटाला मामले में प्रबंधन ने खदान के मैनेजर फिरोज अंसारी,सहित एरिया सर्वे ऑफिसर श्रीजीब बनर्जी,एस ओ माइनिंग एम के चौधरी सहित खदान के सर्वेयर का तबादला दूसरे क्षेत्रों में कर दिया था।इसमें तत्कालीन सब एरिया मैनेजर बी के चौधरी कोयला शार्टेज का खुलासा होने से ठीक पहले 30 जून 2022 को रिटायर कर गए थे जिसके बाद मामला सामने आते ही तत्कालीन प्रबंधन ने उनकी रियायर्मेंट की राशि ग्रेच्युटी व पीएफ सहित उनका करीब पचास लाख से अधिक के भुगतान को रोक दिया था।बताया जाता है की जांच में फसे होने व करोड़ो की गड़बड़ी में उनकी भूमिका संदेह के दायरे में होने के बाबजूद अधिकारियों ने चुपचाप उनकी राशि रिलीज कर दी और अब वही सब एरिया मैनेजर कोल इंडिया की पहली एमडीओ मोड में संचालित होने वाली बिश्रामपुर क्षेत्र के केतकी खदान में एसएमएस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बतौर प्रोजेक्ट ऑफिसर के पद पर पदस्थ हैं।
सीवीओ की स्थाई पदस्थापना नही इसीलिए भी विलंब
दो करोड़ से अधिक के कोयला शार्टेज मामले में डेढ़ साल बाद भी जांच पूरी नही होने के पीछे बड़ा कारण कंपनी के मुख्य सतर्कता अधिकारी का स्थानांतरण होने सहित बाद में इस पद पर प्रभारियों की नियुक्ति से मामला लंबा खींच गया। गत 24 मई 2023 को एसईसीएल में स्थाई सीवीओ के पद पर जयंत कुमार खमारी की पदस्थापना होने के बाद पिछले कई पेंडिंग मामलों की जांच में तेजी आई है ।इस मामले में भी सम्बंधित अधिकारियों को पूछताछ व ब्यान के लिए लगातर प्रक्रिया चल रही थी इसी बीच अब प्रकरण में सीबीआई की एंट्री हो गई है।जिससे यह तय हो गया है कि अब मामले में शामिल दोषियों पर जल्द कार्यवाई होकर रहेगी।
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