जिला प्रशासन और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में सरगुजा में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस
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अम्बिकापुर / संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर यूनिसेफ, सरगुजा द्वारा मंगलवार को बच्चों और पालकों के साथ का विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह वैश्विक अभियान बच्चों के समग्र विकास में खेल के महत्व को दर्शाता है। खेल दिवस के अवसर पर आसनडीह पहाड़ी कोरवा बसाहट में पालक सत्र का आयोजन कर पालकों के साथ बच्चों में स्थानीय खेल को बढ़ावा देने हेतु गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर यूनिसेफ छत्तीसगढ़ की शिक्षा विशेषज्ञ छाया कुंवर ने कहा कि खेल हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। यह उनके संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक, और भावनात्मक कल्याण में योगदान देता है। खेल बौद्धिक, सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक क्षेत्रों में सीखने के अवसर पैदा करता है – खेल के माध्यम से, बच्चे दूसरों से संबंध बनाते हैं, कुशल नेतृत्व कौशल विकसित करते हैं, चुनौतियों का सामना करते हैं और अपने डरों को जीतते हैं।
जिला प्रशासन और यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस आयोजन में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के आदेशानुसार जिले के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में अत्यंत हर्ष के साथ खेल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर खेल के महत्व को बढ़ावा देते हुए माता-पिता के साथ बच्चों को पारंपरिक और अन्य खेलों में सक्रिय किया गया। समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों और सार्वजनिक स्थानों पर हंसी और आनंद का केंद्र बनाया गया, जहां बच्चे विभिन्न स्थानीय खेलों और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिए।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से यूनिसेफ द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर “परवरिश के चैंपियन (पालन पोषण चैंपियन) कार्यक्रम के तहत खेल के महत्व पर सत्र आयोजित कर रहा है। कई केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बच्चों के साथ स्थानीय खेल खेले, इसके अलावा आयोजित सेक्टर बैठक में परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक द्वारा कविता गाकर और खेल खेलकर खेल दिवस मनाया।
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