सिस्टम से नाराज… आवारा मवेशियों ने बिगाड़ी शहर की हालत….समाजसेवी महिला ने कांजी हाउस की चाबी देने कलेक्टर से की मांग…कहा… मैं शहर की बेटी हूँ और अब मुझे मेरे शहर की व्यवस्था को सुधारने हेतु ग्राउंड जीरो पर आना ही होगा
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अम्बिकापुर। मैं शहर की बेटी हूँ और अब मुझे मेरे शहर की व्यवस्था को सुधारने हेतु ग्राउंड जीरो पर आना ही होगा.. यह कहते हुए कांजी हाउस की चाभी उपलब्ध कराये जाने की मांग समाजसेवी श्रीमती साधना कश्यप ने कलेक्टर सरगुजा को ज्ञापन के माध्यम से की है। इस ज्ञापन में जहां शहर के अंदर सभी मार्गों में आवारा मवेशियों से आए दिन हो रही दुर्घटना और आवागमन में हो रही समस्या का दर्द सामने दिख रहा है वहीं आवारा मवेशियों के मामले में नगर निगम के द्वारा दस्तावेजों में कार्रवाई भी प्रदर्शित हो रही है।
समाजसेवी ने कहा कि अम्बिकापुर शहर में आवारा मवेशियों के कारण दुर्घटना बढ गयी है इस हेतु मेरे द्वारा जनदर्शन के माध्मम से पूर्व में भी अनेको बार आवेदन प्रेषित किया गया था जिसमे उल्लेख किया गया था कि शहर में व्याप्त अव्यवस्था के कारण कभी आवारा घूम रहे गाय बैल मवेशी को चोट लग रही है तो कभी इंसान दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है। नगर के सड़क, गली, समस्त. मैदान, सब्जी मंडी से लेकर ऐसा कोई स्थान नही बचा जहां इनका प्रकोप ना हो।
प्रशासन स्तर से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रशासन के पास इस कार्य हेतु पर्याप्त मानव संसाधन और प्रशासनीक अमला नही है जिसके कारण वे इस कार्य को करने में सक्षम नहीं है।
श्रीमती साधना कश्यप ने मांग करते हुए कहा कि मुझे प्रशासन स्तर से लिखित अनुमति पत्र और संचालित समस्त कांजी हाउस की चाभी उपलब्ध कराये जाने का कष्ट करें जिससे मैं अपने महिला साथीयों के साथ मेरे शहर अम्बिकापुर में घूम रहे इन मवेशियों को दस्तावेज में नही अपितु वास्तविक रुप से कांजी हाउस पहुंचा सकुं।
अनुमति पत्र की आवश्यकता इस लिए है क्योंकि अंदेशा है कि मवेशी मालिक जिनके लिए गाय केवल एक दूध देने की मशीन है और आय का स्त्रोत मात्र है के द्वारा विवाद की स्थिति और मारपीट, लडाई, बलवा की स्थिति भी निर्मित हो सकती है जिससे पुलिस प्रशासन इस वजह से मुझ पर ही अवांछनीय कार्यवाही ना कर दे। इससे सुरक्षा और बचाव हेतु आपके द्वारा जारी अनुमति पत्र मेरी मदद कर देगा। मैं सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ साथ शहर की बेटी हूँ और अब मुझे मेरे शहर की व्यवस्था को सुधारने हेतु ग्राउंड जीरो पर आना ही होगा, वर्तमान परिवेश में ये पूर्ण रुप से प्रमाणित हो चुका है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासनीक अमलों को इन चीजों से कोई फर्क नही पडता। इस कार्य को निर्बाध संचालित करने हेतु मुझे अनुमति पत्र और शहर में स्थित समस्त कांजी हाउस की चाभी उपलब्ध कराये जाने की मांग समाजसेवी महिला ने की है। उसने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि मेरा उददेश्य है कि आगामी 15 अगस्त 2024 के पूर्व मैं मेरे शहर वासियों को इस समस्या से निजात दिला सकें।
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