नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7000619700 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , सिस्टम की मौत…चार घंटे तक नहीं मिली एम्बुलेंस सेवा, सीएचसी उदयपुर में नवजात ने तोड़ा दम,,,,गर्भवती महिला ने घर पर दिया था स्वस्थ शिशु को जन्म, सीएचसी में रेफर के बाद नहीं मिली 108 एम्बुलेंस; शाम 6 बजे नवजात ने ली अंतिम सांस – अम्बिकावाणी

अम्बिकावाणी

Latest Online Breaking News

सिस्टम की मौत…चार घंटे तक नहीं मिली एम्बुलेंस सेवा, सीएचसी उदयपुर में नवजात ने तोड़ा दम,,,,गर्भवती महिला ने घर पर दिया था स्वस्थ शिशु को जन्म, सीएचसी में रेफर के बाद नहीं मिली 108 एम्बुलेंस; शाम 6 बजे नवजात ने ली अंतिम सांस

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

अम्बिकापुर। उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मिर्गाडांड की विशेष संरक्षित पण्डो जनजाति की एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने तत्काल 102 एम्बुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन एम्बुलेंस के पहुंचने से पहले दर्द बढ़ने पर महिला ने घर पर ही दाई की मदद से एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।
जन्म के तुरंत बाद नवजात को 102 एम्बुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) उदयपुर लाया गया। शिशु का वजन करीब ढाई किलो था। सीएचसी में नाल काटने के बाद कुछ समय तक सब सामान्य था, लेकिन फिर शिशु को सांस लेने में परेशानी होने लगी।
सीएचसी में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने नवजात की स्थिति को गंभीर बताते हुए दोपहर करीब 3 बजे उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। परंतु, शाम तक 108 एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकी। परिजन लगातार एम्बुलेंस सेवा से संपर्क करते रहे, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।
शाम 6 बजे तक शिशु की सांसें थम गईं। और तो और, रात 8 बजे एम्बुलेंस कर्मियों का कॉल आया कि वे रवाना हो रहे हैं और तैयार रहें। इस पर गमगीन परिजनों ने कहा, अब क्या करेंगे आकर, हमारा बच्चा तो चला गया।आख़िरकार रात 11 बजे परिजन बाइक से मां और मृत नवजात को लेकर घर रवाना हुए। इस घटना ने सिस्टम की असंवेदनशीलता को उजागर कर दिया है।

सीएचसी उदयपुर के बीएमओ डॉ. योगेंद्र पैकरा ने कहा, मामले की जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। यह देखा जाएगा कि लापरवाही कहां हुई।
वहीं, मितानिन मानकुंवर ने पूरी घटना का ब्यौरा देते हुए एम्बुलेंस सेवा की देरी को नवजात की मौत का कारण बताया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now