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कृषि महाविद्यालय अम्बिकापुर में मनाया गया विश्व मधुमख्खी दिवस

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अम्बिकापुर कृषि महाविद्यालय अम्बिकापुर में विश्व मधुमख्खी दिवस मनाया गया । अधिष्ठाता डॉ एस के सिन्हा के द्वारा राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, अम्बिकापुर में 20 मई 2025 को विश्व मधुमक्खी दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्था के आदरणीय अधिष्ठाता डॉ एस के सिन्हा जी के मार्गदर्शन में संचालित किया गया उन्होंने मधुमक्खी पालन की महत्ता को छात्र-छात्रों को बताते हुए विश्व मधुमक्खी दिवस क्यों मनाया जाता है इस के बारे में छात्र-छात्रों को जानकारी से अवगत कराया गया साथ ही मधुमक्खी के शहद का छात्रों को सेवन कराया गया तथा शुद्ध शहद का सेवन करने से मानव जीवन में इसके अनेक शारीरिक लाभ के बारे में बताया गया साथ ही फसलो में मधुमक्खी के परागण से फसलो के उत्पादन में वृद्धि होती है के बारे में छात्रों को विस्तारपूर्वक बताया गया | अखिल भारतीय मधुमक्खी पालन एवं परागण सहायक कीट अनुसन्धान परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ पी के भगत के द्वारा सोलर चालित बायोएकॉस्टिक उपकरण का मधुमक्खी वाटिका में स्थापना किया गया जिसका मुख्य उद्द्देश्य मधुमक्खी के प्राकृतिक शत्रु कीट का नियंत्रण जैसे परभक्षी पक्षी, भालू और हाथीयो आदि से बचाओ के लिए महत्वपूर्ण बताया गया जिसका मुख्य अतिथि संस्था के आदरणीय अधिष्ठाता डॉ एस के सिन्हा जी के द्वारा उद्घघाटन कर बायोएकॉस्टिक उपकरण के बारे में कृषि महाविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्रों को बताया गया | डॉ के यल पैंकरा के द्वारा मधुमक्खी के विभिन्न प्रजातियों के बारे में छात्रों को विस्तारपूर्वक बताया गया | डॉ सचिन कुमार जायसवाल के द्वारा छात्रों को मधुमक्खी पालन की महत्ता को को बताते हुए कृषि जलवायु में हो रहे परिवर्तन एवं पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को ध्यान में रखते हुए किसानो को फसलो में कीट प्रबंधन के लिए कम से कम रासायनिक कीटनाशको का फसलो पर प्रयोग करे जिससे मधुमक्खी का संरक्षण किया जा सकता है इसके बारे में छात्रों जागरूक किया गया | वैभव कुमार जायसवाल के द्वारा मधुमक्खी पालन के मुख्य उद्द्देश्य और अन्य परागणकर्ताओ की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाना है जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा, पोषण और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताया गया इस दौरान कृषि महाविद्यालय के अधिकारी डॉ ए के नायक एवं डॉ डी एस महीपाल, कर्मचारीगण एवं स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राए आदि उपस्थित थे।

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