अंबिकापुर / सरगुजा संभाग में उत्तरी शीतलहर के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से भी नीचे पहुंच गया है।
अंबिकापुर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री दर्ज किया गया है। संभाग के पाट क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से नीचे गिर गया है और शनिवार को पाले पड़े। इस सीजन में दूसरी बार ओस की बूंदे जमी है। शनिवार को सरगुजा संभाग के पाठ क्षेत्रों मैनपाट, सामरीपाट और सोनहत में शनिवार सुबह पाले पड़े। मैनपाट में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से नीचे चला गया है। शनिवार सुबह मैनपाट में ओस की बूंदे जमी हुई दिखीं। सोनहत में भी न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री दर्ज किया गया एवं पाले पड़े हैं। सरगुजा संभाग में नवंबर महीने में रिकार्ड ठंड के बाद दिसंबर के पहले हफ्ते में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। चक्रवाती तूफान के कारण सरगुजा में छिटपुट बादल छाए थे, जिसके कारण न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी हुई थी। बादलों के छंटते ही उत्तरी शीत लहरें तेजी से प्रवेश कर रही हैं और न्यूनतम तापमान गिरने लगा है।
शीतलहरों के कारण मैदानी इलाकों में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पिछले 24 घंटे में अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री दर्ज किया गया है, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री दर्ज किया गया था। 24 घंटे में ही न्यूनतम तापमान में 2.6 डिग्री की गिरावट आई है।
पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया है। कड़ाके की ठंड के कारण पाट क्षेत्रों में शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जा रहा है।
कोहरे ने लगाया रफ्तार पर ब्रेक
लगातार तापमान गिरने के साथ सुबह संभाग के कई स्थानों पर कोहरा छाया रहा। संभाग के कई स्थानों पर नेशनल हाईवे एवं स्टेट हाईवे में कोहरे के कारण वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। मौसम विभाग के अनुसार तापमान में गिरावट के साथ कोहरे का असर जारी रह सकता है।
जारी रहेगी कड़ाके की ठंड
मौसम विज्ञानी एएम भट्ठ ने कहा कि सरगुजा में आसमान साफ हो गया है और उत्तरी शीतलहरें तेजी से प्रवेश कर रही हैं। इस कारण सरगुजा में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शीतलहरों के कारण न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक गिर सकता है। भट्ट ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, लेकिन वह ताकतवर नहीं है। आगामी दिनों में भी कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी रहेगा।
संभाग में पड़ रही कड़ाके की ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। बच्चे एवं बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं। सरगुजा में कड़ाके की ठंड के कारण स्कूलों के संचालन का समय पहले ही बदला जा चुका है।










