कंडम बसों की कार्रवाई के लिए उडऩदस्ता दल सक्षम साबित नहीं,आरटीओ अधिकारी ने स्वयं सडक़ पर उतरे
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लगभग ५० से अधिक बसों की जांच में अधिकतम बसें कंडम स्थिति में पाई गई
अंबिकापुर. मध्यप्रदेश के गुणा में हुए बस हादसे के बाद जिला परिवहन विभाग काफी सख्त नजर आ रहा है। आरटीओ अधिकारी ने स्वयं सडक़ पर उतरकर बसों की जांच शुरू कर दी है। परिवहन अधिकारी ने शुक्रवार को शहर व आस-पास के क्षेत्रों में लगभग ५० से अधिक बसों की जांच की। जिसमें अधिकतम बसें कंडम स्थिति में पाई गई।
आरटीओ अधिकारी सीएल देवांगन को शुक्रवार को अचानक बसों की जांच करने के लिए सडक़ पर उतरना पड़ा। शहर सहित अन्य स्थानों पर आरटीओ अधिकारी ने टीम के साथ लगभग ५० से अधिक बसों की जांच की। जिसमें अधिकतर बसों की स्थिति कंडम पाई गई। वहीं सबसे महत्वपूर्ण अग्निशामक यंत्र अधिकतर बसों में नहीं पाए गए। वहीं कुछ बसों में थे भी तो वर्षों पहले ही एक्सपायर हो चुका था। आरटीओ अधिकारी सीएल देवांगन ने कहा कि दिसंबर व जनवरी के महीनों में अधिकतर दुर्घटनाएं बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यात्री बसों की जांच के लिए सडक़ पर उतरना पड़ा। यह कार्रवाई लगातार अभी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि अधिकतर बसों की स्थिति कंडम है।
जिले में बेधडक़ दौड़ रही कंडम बसें
जिले में बेधडक़ कंडम बसें दौड़ रही है। कंडम बसों की कार्रवाई के लिए विभाग द्वारा बनाए गए उडऩदस्ता दल सक्षम साबित नहीं हो रही है। कार्रवाई नहीं होने से नियमों की अनदेखी कर बसों को चलाया जा रहा है। सेफ्टी के लिए बसों में न तो अग्निशामक यंत्र रहते हैं और न ही सीसीटीवी लगाए गए हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार हर यात्री बसों में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य है। इसके बावजूद भी नियमों का पालन नहीं किया जाता है।
बसों में किराया सूची तक नहीं
आरटीओ अधिकारी ने बताया कि पहले दिन बसों की यात्री किराया सूची, परमिट, चालकों का लाइसेंस, बसों में अग्निशामक यंत्र सहित कई जांच किए गए। जिसमें कई बसों से किराया सूची गायब पाया गया। कई बसों की स्थिति काफी कंडम थी। कार्रवाई के पहले दिन वाहन मालिकों को चेतावनी देते हुए तत्काल फिटनेश कराने की बात कही गई है।
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