जाबर में दस एकड़ जमीन को कुछ लोगों ने कूटनीतिक तरीके से करा लिया अपने नाम, अब बेचने की तैयारी
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मिलीभगत से कर दिया गया रिकार्ड दुरूस्त रामानुजगंज न्यायालय मे लंबित है मामला
बलरामपुर। जिले के ग्राम जाबर में राजस्व प्रप़त्रो मे दर्ज लगभग तीस लोगो के करोडो रूपये के दस एकड जमीन को अन्य लोंगो ने कूटनीतिक तरीके से अपने नाम दर्ज करा बेचनेे की तैयारी कर ली है। इस आशय की शिकायत भू-स्वामियों ने कलेक्टर, एस.डी.एम., रजिस्ट्रार, तहसीलदार और पटवारी से करते हुए बारह वर्षों से काबिज जमीन को कूटनीतिक तरीके से अपने नाम कराने वाले लोेगों को चौैहद्दी प्रदान न करने का अनुरोध किया है जबकि यह मामला प्रथम अपर सत्र न्यायालय रामानुजगंज मे लंबित है।
यहां बता दे कि सुनीता गुप्ता और अन्य लगभग तीस खरीददारों व कब्जाधारियो द्वारा प्रशासनिक अफसरों को साैंपे गए ज्ञापन के मुताबिक महाराजगंज राजस्व मंडल के ग्राम पंचायत जाबर के राजस्व प्रपत्रों मे दर्ज खसरा नंबर 582/11 एंव 582/12 के लगभग दस एकड़ जमीन को तीस लोगों ने कई वर्ष पूर्व खरीदकर उसमें खेती बाड़ी एवं पीलर खड़ाकर कब्जा किया था जो आज भी यथावत है। बावजूद इसके बिहार के रहने वाले सात लोगों ने कूटनीतिक तरीके से राजस्व प्रपत्रों में दस एकड़ की कब्जे वाली जमीन को अपने नाम पर दर्ज करवाकर उसे बेचने की तैयरी शुरू कर दी है, जिसका मार्केट वैल्यू करोड़ो रूपये की है। ज्ञापन के अनुसार अब उन लोगों केे द्वारा दस एकड़ की भूमि का बिक्री बी-1, खसरा, पांचसाला, नक्शा एंव चौहद्दी प्राप्त करने के लिए राजस्व कार्यालय का चक्कर लगाया जा रहा है। यहां यह भी बता दे कि इस जमीन का मामला अपर जिला न्यायाधीश रामानुजगंज के न्यायालय मे सिविल अपील क्रमांक 14अ/2024के तहत मुकदमा भी दायर किया गया है जो न्यायालय मे अभी विचाराधीन है। सुनीता गुप्ता एवं अन्य 30 लोगों ने न्यायालय मे चल रहे लम्बित मामले को देखते हुए कलेक्टर, रजिस्ट्रार, एस.डी.एम., तहसीलदार और हल्का पटवारी से गुजारिश की है कि यदि ऐसे लोंगो को खसरा नम्बर 582/11 एवं 582/2 रकबा क्रमशः 2 हेक्टेयर और 1.080 हेक्टेयर वाद भूमि का बिक्री-1, खसरा, पांचसाला, नक्शा एवं चौहद्दी प्रदान कर दिया जाता है तो वे उसे अन्यत्र विक्रय कर खुर्दबुर्द कर देने मे सफल हो जायेंगे, जिससे रजिस्ट्री कराने वाले कब्जाधारियों को अपूर्णीय क्षति होगी और वे लोग न्याय होने से वंचित हो जाएगें।
करोड़ो रूपये की है जमीन
कब्जाधारियों के मुताबिक जाबर गांव मेे स्थित उस जमीन का मार्केट वैल्यु करोड़ो रूपये की है। इसलिए लगभग बारह वर्ष से काबिज इस जमीन को दीनानाथ मिश्रा व अन्य लोंगों द्वारा कूटनीतिक तरीके से अपने नाम करा बेचने की तैयारी की जा रही हैै और उससे संबंधित दस्तावेज को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है जिस पर अंकुश लगाना अति आवश्यक हैै।
नेता प्रषासन पर बना रहे हैं दबाव
खरीददार व कब्जाधरियों ने बताया कि जिला मुख्यालय के कुछ नेताओ द्वारा जमीन को बी-1, खसरा, पांचशाला, नक्शा और चौैहद्दी प्रदान करने केे लिए प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा हैै। जो न्यायसंगत नहीं है उन्होंने बताया कि यदि प्रशासन नेताओें केे दबाव में आकर उन लोगों को आवश्यक दस्तावेज जारी कर देता हैै तोे उन्हें न्यायालय से वास्तविक न्याय नहीं मिल पायेगा।
गायत्री परिवार ट्रस्ट ने भी प्रषासन कोे सौंपा ज्ञापन
गायत्री परिवार ट्रस्ट ने भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि ट्रस्ट ने काफी लम्बे समय पूर्व यज्ञशाला औैर मन्दिर के लिए जमीन की खरीदी की थी। कुछ लोगों के द्वारा इस जमीन को अपने नाम करा लिया गया है औैर बेचने की तैयारी की जा रही है जबकि इस जमीन का मामला प्रथम अपर जिला न्यायाधीश रामानुजगंज न्यायालय में सिविल अपील क्रमांक 14 अ/2024 केे तहत लम्बित है। ट्रस्ट नेे जिला प्रशासन सें मांग की है कि इन लोंगो को जमीन से सम्बंधित बिक्री बी-1, खसरा, पांचसाला, नक्शा एवं चौैहद्दी प्रदान न किया जाए अन्यथा ट्रस्ट को न्यायालय के न्याय से वंचित हो जाना पडेगा।
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