छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक ऐसी दुकान जहां सामान के साथ-साथ घर के संबंध को भी सुदृढ़ करने रहती है कोशिश….. पत्नी के लिए ले सामान तो मां के लिए देते है निशुल्क, 40 वर्षों से चल रहा है सिलसिला
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रामानुजगंज। नगर की एक ऐसा दुकान है जहां सामान के साथ-साथ आपके घर के संबंध को भी सुदृढ़ करने की कोशिश रहती है एक ओर जहां लोग अपने घरों में जब सामान लेने जाते हैं तो वह सिर्फ अपने घर की पत्नी, बच्चों तक सीमित रहता है, परंतु उनके दुकान में यदि कोई सामान यदि पत्नी के लिए लेते है तो यह उसकी मां के लिए थोड़ा सा अपने ओर से निशुल्क देते हैं, वही कोई यदि बच्चे के लिए लेता है तो वह उसके माँ के लिए निशुल्क देते हैं। जब आप सामान लेने वहां जाएंगे तो जरूर पूछेंगे, किसके लिए है। आप किसी के नाम ले वे साथ में घर के दूसरे सदस्य के लिए भी थोड़ा सा निशुल्क सामान देंगे। यह सिलसिला 40 वर्षों से चल रहा है। उनके बोलने के अंदाज से लोग कायल रहते हैं एवं दुकान में भीड़ लगी रहती।
रामानुजगंज पीपल चौक दुकान लगाने वाले 68 वर्षीय शिव कश्यप अपने छोटे से दुकान में लखटो, खुरमा,निमकी, बुंदिया से सहित अन्य खाने के समान को खुद बनाकर बेचते हैं। उनकी क्वालिटी ऐसी रहती है की दुकान खुलने के साथ भीड़ लग जाती है एवं सबसे बड़ी बात है कि उनके बोलने के अंदाज से लोग कायल रहते हैं। यदि कोई उनके दुकान में कोई भी खाने की चीज लेने जाता है तो वह अपनी पत्नी या बच्चों के लिए लेता है तो व जो सामान मांगता है वह तो देते ही है साथ ही साथ अपने ओर से थोड़ा सा उसमें जरूर बढ़ा कर देते हैं कि यह अपनी मां को दीजिएगा या पिता को जरूर खिलाएगा। इस प्रकार वे संबंधों को मजबूत करने में अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। आज जिस प्रकार से लोग एकांकी परिवार में रह रहे हैं एवं अपने बच्चों एवं बीवी तक सीमित है ऐसे में शिव कश्यप की पहल की प्रशंसा चारों ओर होती है।
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