….तो सभी व्यवसायी अपनी संस्थान बंद कर जीएसटी आफिस में जमा कर देंगे चाभी ,,,,अधिकारियों पर व्यवसायियों को बेवजह परेशान करने व मनचाही पैनाल्टी लगाने का आरोप,लक्ष्मी ट्रेडर्स पर छापे के बाद हुई नारेबाजी

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अम्बिकापुर। शहर के प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठान लक्ष्मी ट्रेडर्स पर बीते शाम को जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए छापा मारा। छड़ और सीमेंट के सप्लायर राजीव अग्रवाल के इस प्रतिष्ठान पर टैक्स चोरी के आरोपों के तहत जीएसटी के आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने दस्तावेजों की गहन जांच शुरू की। इस कार्रवाई से व्यापारी समुदाय में हड़कंप मच गया, और स्थानीय व्यापारी संघ ने इसे टारगेटेड कार्रवाई करार देते हुए तीखा विरोध जताया।
जीएसटी की इस कार्रवाई से नाराज अम्बिकापुर व्यापारी संघ ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और छापेमारी को अन्यायपूर्ण ठहराया। व्यापारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा, यह कार्रवाई चुनिंदा व्यापारियों को निशाना बनाने की साजिश है। जीएसटी विभाग बिना ठोस सबूत के व्यापारियों को परेशान कर रहा है। कार्रवाई के विरोध में व्यापारी संघ के सदस्यों ने लक्ष्मी ट्रेडर्स के बाहर एकत्र होकर नारेबाजी की और जीएसटी विभाग के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई।
बता दें कि बिलासपुर चौक रिंग रोड पर स्थित लक्ष्मी ट्रेडर्स की दुकान में 6 महीने के अंदर तीसरी बार जीएसटी की टीम मार चुकी है। व्यापारियों का कहना है कि लगातार इस छापे से उन्हें आर्थिक मानसिक और शारीरिक रूप से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लक्ष्मी ट्रेडर्स में छापे की सूचना पर व्यापारी संघ के भारी संख्या में लोग वहां पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी।
स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश
लक्ष्मी ट्रेडर्स पर छापेमारी की खबर शहर के अन्य व्यापारियों तक पहुंचते ही बाजार में तनाव का माहौल बन गया। कई व्यापारियों ने इसे जीएसटी विभाग की सख्ती और छोटे-बड़े व्यापारियों पर बढ़ते दबाव के रूप में देखा। व्यापारी संघ ने मांग की है कि ऐसी कार्रवाइयों से पहले ठोस सबूत पेश किए जाएं और व्यापारियों को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।
आप ही व्यापार करो और आप ही जीएसटी पटाओ
चेम्बर ऑफ कॉमर्स छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्ष अजीत अग्रवाल व प्रदेश उपाध्यक्ष कैट रविन्द्र तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार जीएसटी के इस प्रकार के छापे को लेकर अधिकारियों से बातचीत हुई, परंतु अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला। किसी व्यापारी से अगर कोई त्रुटि होती है तो प्रथम दृष्टिया में उन्हें अधिकारी जानकारी दें, और अगर वह बार-बार गलती कर रहा है तो उसे पर कार्रवाई जरूर करें। इस पर कोई व्यवसायी कुछ नहीं कहेगा। वर्तमान में जीएसटी में इतने संशोधन किए गए हैं कि इसकी जानकारी सीए तक को नहीं है तो व्यापारी को कहां से होगी। इसके लिए अधिकारियों द्वारा कोई कार्यशाला भी नहीं लगाई जाती। सीधे व्यवसायी के प्रतिष्ठान में छापा मारकर अवैध वसूली के साथ-साथ मनमानी पेनल्टी लगाई जा रही है। इसे पूरा व्यावसायिक समाज आक्रोशित है। अधिकारी अपनी मनमानी नहीं रोकते हैं तो हम सब अपने प्रतिष्ठानों को बंद करके चाबी जीएसटी ऑफिस में दे देंगे। अधिकारी ही व्यापार करें और वही जीएसटी पटाए।

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